टिहरी गढ़वाल के मख्लोगी पट्टी के अंतर्गत ग्राम बंगोली के मूल निवासी और अनेक धर्म शास्त्रों को कंठस्थ याद रखने वाले श्रीमद्भागवत विभूषण व ज्योतिषाचार्य पंडित जयानंद शास्त्री का आज निधन हो गया। 98 वर्षीय शास्त्री जी विगत कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे और इन दिनों अपनी ऋषिकेश स्थित आवास में परिवार के साथ रह रहे थे। उनके निधन पर अनेक लोगों ने शोक संवेदना व्यक्त की हैं। उत्तराखंड के साथ ही कई राज्यों में उनके शिष्य और यजमान उनकी विद्वता के मुरीद थे। संस्कृत के साथ ही अंग्रेजी भाषा पर भी जबरदस्त पकड़ रखने वाले शास्त्री जी ज्योतिषशास्त्र को हमेशा वैज्ञानिक तथ्यों का मूल आधार मानते थे। उन्होंने अपने जीवन काल में अनेकों बार भागवत कथाओं का रोचक प्रवचन किया। विद्यार्थी जीवन में वे बनारस संस्कृत विश्वविद्यालय के टॉपर रहे हैं। उत्तराखंड सहित देशभर में उनके हजारों प्रशंसको ने उनके निधन पर शोक संवेदनाएं प्रकट की है।
उत्तराखंड सहित देश के कई राज्यों में प्रसिद्ध श्रीमद् भागवत विभूषण, ज्योतिषाचार्य और अनेक धर्म शास्त्रों के ज्ञाता पंडित जयानंद उनियाल शास्त्री जी का आज निधन हो गया है। 98 वर्षीय शास्त्री जी पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थे। उन्होंने आज अपने ऋषिकेश स्थित आवास में अंतिम सांस ली।
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