आनंदम पाठ्यचर्या के अंतर्गत कक्षा 8 हेतु आनंदिनी संदर्शिका के लिए कहानी

  “दो भाइयों की कहानी”
सुशील डोभाल, प्रवक्ता राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार, टिहरी गढ़वाल
उद्देश्य-  बच्चे कृतज्ञता, सहयोग और करुणा की भावना को समझ सकेंगे ।
समय- कम से कम दो दिन या शिक्षक के संतुष्ट होने तक ।
चेक इन- कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट तक सांस पर ध्यान देने कि प्रक्रिया से की जाय ।
कहानी
      एक गॉव मे दो भाई रहते थे। दोनो भाई अपने पुरखो के खेत में काम करते थे। उनमें से बड़े भाई की शादी हो चुकी थी और उसकी पत्नी व दो बच्चों का परिवार था। जबकि दूसरा भाई अभी अविवाहित था और अकेला रहता था। दोनो अपने बड़े पुस्तैनी मकान के दो अलग-अलग हिस्सों में रहते थे, और एकसाथ खेतीबाड़ी का काम करते व खेती से जो भी आय होती वह दोनो आधी-आधी बॉट लेते। दोनों का जीवन खुशहाल चल रहा था ।   
      एक दिन सोते समय छोटे भाई के मन मे यह विचार आया कि  मेरी तो अभी शादी भी नही हुई हैं और परिवार भी नही बना, इस कारण मेरा ख़र्चा भी बड़े भाई की तुलना में बहुत कम हैं। मुझे तो कम हिस्सा लेना चाहिये, जबकि बड़े भाई पर बीबी बच्चों सहित पूरे परिवार का बोझ है। उन्हे तो पैसे की मुझसे बहुत ज्यादा ज़रूरत है। बड़े भाई और उसके परिवार के लिये मुझे कुछ करना चाहिये। इसलिए जब रात हुई तो उसने अनाज से भरा एक बौरा उठाया और उसे चुपके से भाई के अनाज के भंडार में मिला दिया। दूसरी ओर बड़ा भाई जो अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहता था, उसने सोचा कि मेरे छोटे भाई की अभी तक शादी भी नही हुई हैं । उसके भविष्य के बारे मे सोचना चाहिये। क्योंकि माता-पिता के बाद बड़े भाई का दायित्व है कि वह परिवार के छोटे भाई बहिनों का संरक्षण करे, इसलिए मेरा भी दायित्व है कि मैं अपने छोटे भाई की मदद करूँ। मेरा तो परिवार बस चुका है किन्तु उसके भविष्य के बारे में सोचना चाहिए। इसलिए जब रात हुई तो उसने अनाज से भरा एक बौरा उठाया और छोटे भाई के अनाज के भंडार में मिला दिया।
       कुछ दिनो तक यह सब चलता रहा, लेकिन दोनों भाइयों को इस बात पर हैरानी थी कि दोनों के अनाज के भंडार बराबर है। एक दिन भंडार कक्ष में जाते समय दोनो भाईयों का आमना-सामना हो गया। दोनों के सिर पर अनाज का बौरा था । थोड़ी देर तक आश्चर्यचकित होकर वे एक दूसरे को देखते रहे। अब उन्हे भंडार कम न होने की बात समझ मे आ चुकी थी। दोनों ने अपने अनाज के बोरे जमीन पर रखे और एक दूसरे को गले लगा लिया। 
चर्चा के प्रश्न- 
  • आप छोटे भाई की जगह होते तो किस प्रकार बड़े भाई की मदद करते?
  • आप बड़े भाई की जगह होते तो किस प्रकार छोटे भाई की मदद करते?
  • बड़े भाई की पत्नी यदि यदि छोटे भाई की मदद करने पर नाराज होती तो बड़े भाई को अपनी पत्नी को किस प्रकार समझाना चाहिए ?
  •  आपको क्या लगता है, क्या सभी लोग ऐसे ही अपने छोटे या बड़ों का सहयोग करते हैं?
चिंतन के प्रश्न 
  • छोटे भाई को देने के लिए अनाज का बोरा उठाने से पहले छोटे भाई ने क्या विचार किया होगा?
  • क्या आपने कभी अपने किसी मित्र या परिचित की कोई मदद की है, और किस प्रकार से ?
चेक आउट- कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष पर विचार करें.
दूसरा दिन 
 चेक इन-  कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट तक श्वांस पर ध्यान देने कि प्रक्रिया से की जाय ।
  • कहानी के पुनरावृत्ति बच्चों से करवाई जाय पुनरावृत्ति के लिए एक या कई बच्चों से कहानी सूनना  या बच्चों से रोल प्ले करना, बच्चों के अलग अलग समूह बनाकर कहानी सुनना आदि विविध तरीके अपनाए जा सकते हैं ।
  • बच्चे इस कहानी को घर में सुनाकर फीडबैक लें और घर से प्राप्त फीडबैक को कक्षा में सबके साथ साझा करने के अवसर दिए जा सकते हैं ।
  • पहले दिन चर्चा के प्रश्नों से छूटे अथवा अनुपस्थित बच्चों को चर्चा के प्रश्नों में शामिल किया जा सकता है ।
चर्चा व चिंतन के कुछ अन्य प्रश्न- 
  • आपकी बड़ी बहिन रोज आपके लिए नाश्ता तैयार करती है, आप किस प्रकार अपनी बड़ी बहिन के प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर सकते हैं?
  • आपने आखिरी बार कब किसी की मदद की, और किस प्रकार से? 
  • आपकी मदद करने पर आप किसी के प्रति कैसे कृतज्ञता प्रकट करोगे?
  • विद्यालय में कुछ बच्चे स्वच्छता में अच्छा सहयोग करते हैं, आप उनके प्रति कैसे कृतज्ञता व्यक्त करोगे?
चेक आउट-  कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठ कर आज की चार्चा के निष्कर्ष पर विचार करें.

दिनांक- 08 अगस्त 2022                                
  (सुशील डोभाल, प्रवक्ता) 
अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज 
 जाखणीधार, टिहरी गढ़वाल

Comments