Praveshotsav: सरकारी स्कूलों में नामांकन दर बढ़ाने के लिए गजब की प्लानिंग, तब मनाएंगे प्रवेशोत्सव जब प्राइवेट स्कूलों में हो चुके हैं दाखिले

Report by- Sushil Dobhal
उत्तराखंड के सरकारी विद्यालयों में नामांकन दर बढ़ाने के लिए एक बार फिर गजब की प्लानिंग की गई है। स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए शिक्षकों को तब घर-घर भेजा जाएगा जब प्राइवेट स्कूलों में इन बच्चों की दाखिले हो चुके होंगे। विभाग हर वर्ष अप्रैल के महीने में प्रवेशोत्सव आयोजित करवाता है, जबकि प्राइवेट स्कूल मार्च में ही यह मुहिम चला कर अभिभावकों से नए सत्र की फीस भी ले चुके होते हैं। इस बार भी यही होने जा रहा है। जब अभिभावक अपने बच्चों के दाखिले प्राइवेट स्कूलों में करवा चुके होंगे तब विभागीय आदेशों के तहत सरकारी स्कूलों के शिक्षक प्रदेश भर में प्रवेश एवं स्वागतोत्सव में उलझे रहेंगे।
   Praveshotsav: राज्य में संचालित अधिकतर निजी विद्यालय फरवरी माह में परीक्षाएं संपन्न कर जहां मार्च के महीने में नामांकन दर बढ़ाने के लिए घर-घर जाकर अभियान चलाते हैं वहीं राज्य के सरकारी विद्यालयों में नामांकन दर बढ़ाने के लिए औपचारिक रूप से प्रवेश उत्सव की खानापूर्ति ठीक एक महीने बाद अप्रैल में तब शुरू होती है जब अधिकतर अभिभावक अपने बच्चों के दाखिले प्राइवेट स्कूलों में करवा चुके होते हैं। यह लगभग हर वर्ष ही हो रहा है। इसे योजना बनाने वालों की लापरवाही समझे या निजी विद्यालयों को लाभ पहुंचाने के लिए षड्यंत्र। सरकारी विद्यालयों के प्रति ऐसे रवैये के कारण जहां हर वर्ष सैकड़ो स्कूल बंद हो रहे हैं वहीं प्राइवेट स्कूल खूब फलफूल रहे हैं। सरकारी विद्यालयों को बचाए रखना है तो नामांकन बढ़ाने के लिए प्रवेश उत्सव जैसी औपचारिकता से ऊपर उठकर सोचना होगा। अन्यथा वह समय दूर नहीं जब स्कूली शिक्षा पूरी तरह निजी हाथों में चली जाएगी।

Sushil Dobhal, Editor 'Himwant Live'
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