शिक्षकों के लिए निदेशालय में प्रतिबंध लगाने के डीजी के आदेश पर शिक्षकों में उबाल, शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान की दहाड़, 'बंद कर दो निदेशालय, अधिकारियों की नहीं है जरूरत'

Report by- Sushil Dobhal
शिक्षा निदेशालय ननूरखेड़ा में शिक्षकों के सीधे प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के महानिदेशक के आदेश पर राजकीय शिक्षक संघ ने सख्त नाराजगी व्यक्त की है। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि शिक्षा महानिदेशालय और शिक्षा निदेशालय की वर्तमान परिस्थिति में कोई औचित्य नहीं रह गया है। ताला लगाकर इन भवनों को प्रदेश के विकास कार्यों के लिए प्रयोग किया जाना चाहिए। राज्यभर के शिक्षकों ने प्रांतीय अध्यक्ष के ऐक्शन का सोशल मीडिया पर जबरदस्त समर्थन किया है। 
   उन्होंने समग्र शिक्षा, विद्या समीक्षा केंद्र सीमैट, निदेशालय और शासन में अटैचमेंट शिक्षकों को तत्काल मूल कार्यालय के लिए कार्यमुक्त करने की मांग रखी। कहा कि यदि शिक्षकों को यहां से नहीं हटाया गया तो राजकीय शिक्षक संघ प्रदेशभर में आंदोलन करेगा। साथ ही इन कार्यालयों से संचालित गतिविधियों का बहिष्कार करेगा। जिसकी पूरी जिम्मेदरी शिक्षा महानिदेशालय व विभाग की होगी। हालांकि, शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत भी अटैचमेंट को लेकर सख्ती दिखा चुके हैं।
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बीते गुरुवार को शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान ने एक आदेश जारी किया, जिसमें शिक्षा निदेशालय मेंबिना आनलाइन पास के प्रवेश पर शिक्षकों और कार्मिकों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। इससे नाराज राजकीय शिक्षा संघ के प्रांत अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि शिक्षा महानिदेशालय और शिक्षा निदेशालय की वर्तमान परिस्थिति में कोई औचित्य नहीं रह गया है। ताला लगाकर इन भवनों को प्रदेश के विकास कार्यों के लिए प्रयोग किया जाना चाहिए। यहां पर जितने भी अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं इनको प्रदेश के विकास के लिए महत्वपूर्ण विभागों में समायोजित करना चाहिए। जिन शिक्षकों के लिए यह भवन बनाए गए हैं उनको गौण कर दिया जा रहा है। यह अधिकारी केवल अपने हितों के लिए ही कार्य कर रहे हैं। उन्होंने सवाल पूछा कि वर्ष 2017 से शिक्षकों की पदोन्नति शून्य है। जबकि अन्य सभी विभागों में पदोन्नति हो रही है। शिक्ष संघ की कई बार शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव के साथ लंबित मुद्दों को लेकर बैठक हुई, लेकिन आज तक उनकी केवल एक मांग अंतरमंडलीय स्थानांतरण को ही माना गया।
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