Sugam Durgam Transfer: सरकारी स्कूलों के कोटिकरण की विसंगतियों को लेकर इस वर्ष ट्रांसफर के लिए शून्य सत्र के आसार, हाईकोर्ट ने दिए यह निर्देश
Report by- Sudhanshu Dobhal
सरकारी स्कूलों के कोटिकरण की विसंगतियों को लेकर इस वर्ष तबादलों के लिए शून्य सत्र होने के आसार बन रहे हैं। हाईकोर्ट ने शिक्षकों की एक रिट पर सरकार से पूछा है कि क्यों न तबादला सत्र को शून्य सत्र घोषित कर दिया जाए?
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि उत्तराखंड का गठन नौ नवंबर 2000 को हुआ था। उससे पहले यह यूपी का हिस्सा था। उत्तराखंड राज्य के गठन की अवधारणा यह थी कि यह अधिकांशतः पर्वतीय क्षेत्रों से घिरा हुआ है। अतः राज्य गठन के पश्चात सुगम एवं दुर्गम के ऐसे वर्गीकरण की अवधारणा कल्पना मात्र है। कोई स्थान कुछ समय पहले दुर्गम था और अब वह सुगम हो गया। इसलिए इस प्रकार के कोटिकरण तबादले के मानक नहीं होने चाहिए।
हाईकोर्ट शिक्षा सचिव को मुख्य सचिव से परामर्श कर पक्ष रखने के निर्देश दे चुका है। हाईकोर्ट के नौ अप्रैल के इस आदेश के बाद शिक्षा विभाग में खलबली का माहौल है। शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने सोमवार को बताया कि इस विषय पर कार्मिक विभाग से राय ली जा रही है। शिक्षा महानिदेशालय ने इस बाबत शासन को पत्र भेजते हुए दिशानिर्देश मांगे हैं। महानिदेशक-शिक्षा झरना कमठान ने इसकी पुष्टि की।
वहीं, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूर्व में 13 फरवरी को भी हाईकोर्ट ने सुगम और दुर्गम कोटिकरण के आधार पर कुछ शिक्षकों के तबादले रोकने के आदेश दिए हैं। सूत्रों के अनुसार हाईकोर्ट ने कहा कि सुगम और दुर्गम का कोटिकरण काफी अस्पष्ट है। कोटिकरण की कोई विधि तय नहीं की गई है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कई विसंगतियों की ओर ध्यान खींचते हुए कहा कि इन पहलू की जांच करने के लिए गंभीर प्रयास किए जाने चाहिए।
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