Golden Card: कैबिनेट के इस निर्णय के बाद राजकीय कर्मचारियों और पेंशनरों को गोल्डन कार्ड में मिली बड़ी राहत

Report by- Sudhanshu Dobhal
Golden Card Scheme for Uttarakhand Govt. Employee
उत्तराखंड के सरकारी कर्मचारियों, पेंशनर्स व उनके आश्रितों के कैशलेस इलाज की रुकावट धामी सरकार ने दूर कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया। कैबिनेट ने गोल्डन कार्ड योजना में अस्पतालों का बकाया चुकाने के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को 75 करोड़ रुपये देने की मंजूरी दे दी है।
     सचिवालय मीडिया सेंटर में सचिव गोपन शैलेश बगौलीने पत्रकार वार्ता कर कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। बगौली ने बताया-गोल्डन कार्ड योजना के संचालन में आ रही परेशानियों और सूचीबद्ध अस्पतालों के बकाया का मुद्दा कैबिनेट बैठक में उठा। इस पर कैबिनेट ने राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को बकाया चुकाने के लिए 75 करोड़ रुपये लोन के रूप में देने पर सहमति जताई। बकाये का भुगतान होने के बाद गोल्डन कार्ड के तहत अस्पतालों में इलाज सामान्य रूप से हो सकेगा। प्राधिकरण लोन की राशि बाद में सरकार को चुकाएगा। 
प्रीमियम बढ़ाने पर कर्मचारियों के साथ होगी चर्चा:
 राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने गोल्डन कार्ड योजना में सुधार के र के लिए प्रीमियम बढ़ोतरी का भी प्रस्ताव बनाया है। इस संबंध में बगौली ने बताया कि योजना में सुधार के कई अन्य प्रस्ताव भी हैं। इन सभी पर कर्मचारी संगठनों व अन्य स्टेकहोल्डर के साथ व्यापक चर्चा के बाद निर्णय लिया जाएगा। चर्चा पूरी होने के बाद इस संबंध में प्रस्ताव फिर कैबिनेट में रखा जाएगा। प्रीमियम बढ़ाने के संबंध में कैबिनेट ने अभी निर्णय नहीं लिया है।
प्रीमियम और खर्च में आ रहा है बड़ा अंतर
 उत्तराखंड में गोल्डन कार्ड योजना के संचालन में सबसे बड़ी दिक्कत प्रीमियम व खर्च के अंतर से आ रही है। दरअसल, योजना के तहत प्राधिकरण को सालाना करीब 130 करोड़ रुपये प्रीमियम के रूप में मिल रहे हैं। इसके सापेक्ष योजना पर खर्च 300 करोड़ के पार पहुंच जा रहा है। इसी वजह से अस्पतालों का बकाया खड़ा हो रहा है और कम भुगतान होने पर अस्पताल इलाज करने से इनकार कर रहे हैं। प्रीमियम और खर्च के बीच के अंतर को दूर करने के लिए सही कदम उठाए बिना इस योजना का ठीक से संचालन होना कठिन लग रहा है।
75 करोड़ रुपये मिलेंगे राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को बकाया चुकाने के लिए
गोल्डन कार्ड योजना में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण पर विभिन्न अस्पतालों का करीब 104 करोड़ रुपये का बकाया है। इसके चलते उत्तराखंड और राज्य के बाहर के कई प्राइवेट अस्पतालों ने लाभार्थियों का इलाज बंद कर दिया था। इससे कर्मचारियों ने नाराजगी थी। कर्मचारी संगठन योजना को ठीक से संचालित करने की मांग कर रहे थे। अब कैबिनेट के निर्णय के बाद अब प्राधिकरण को सरकार से 75 करोड़ रुपये मिल जाएंगे। इस राशि से अस्पतालों का अधिकांश भुगतान होने के बाद कर्मचारियों-पेंशनरों के इलाज में दिक्कत नहीं आएगी।


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