Report by- Sushil Dobhal
Uttarakhand शिक्षा विभाग में राज्य लोक सेवा आयोग से चयनित प्रवक्ताओं की मौलिक नियुक्ति के आधार पर वरिष्ठता को निरस्त कर आयोग की संयुक्त मेरिट के आधार पर वरिष्ठता तय होगी। लोक सेवा अधिकरण के फैसले के बाद शासन ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। इससे विभाग में पांच हजार से ज्यादा शिक्षकों की वरिष्ठता प्रभावित होगी।
शिक्षा विभाग ने लोक सेवा आयोग के माध्यम से वर्ष 2005-06 में हुई करीब 1201 प्रवक्ताओं की भर्ती में एक चयन वर्ष के बावजूद अलग-अलग विषयों के शिक्षकों को मौलिक नियुक्ति के आधार पर वरिष्ठता दी। शिक्षक डॉ नंदन सिंह बिष्ट ने इसे उत्तराखंड सरकारी सेवक ज्येष्ठता नियमावली 2002 की अनदेखी बताते हुए मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने मामले को लोक सेवा अधिकरण में ले जाने का फैसला सुनाया था। शिक्षकों की वरिष्ठता से जुड़े इस मामले को 2019 में लोक सेवा अधिकरण ले जाया गया।
18 अक्तूबर 2024 को लोक सेवा अधिकरण के फैसले के बाद शासन ने अब इस संबंध में आदेश जारी किया है। शिक्षा सचिव रविनाथ रामन ने जारी आदेश में कहा, आयोग से चयनित प्रवक्ताओं की 29 मार्च 2012 की वरिष्ठता सूची को निरस्त करते हुए लोक सेवा आयोग से जारी संयुक्त मेरिट सूची के आधार पर प्रवक्ताओं की वरिष्ठता तय की जाएगी।

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