Report by- Sudhanshu Dobhal
उत्तराखंड में राजकीय कर्मचारी और पेंशनर्स को कैशलेस इलाज की सुविधा देने के लिए शुरू की गई गोल्डन कार्ड योजना में सुधार के लिए बदलाव किए जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने मंगलवार को सचिवालय में गोल्डन कार्ड की खामियों को लेकर बैठक ली। इस दौरान उन्होंने मुख्य सचिव के साथ ही स्वास्थ्य एवं वित्त विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स से जुड़ी इस योजना की दिक्कतों को दूर किया जाए। विदित है कि गोल्डन कार्ड योजना के तहत राज्य के कई प्राइवेट अस्पतालों ने इलाज से इंकार कर दिया है। इस वजह से कर्मचारी और पेंशनर्स की परेशानी बढ़ गई है। अस्पतालों का 150 करोड़ बकाया होने की वजह से अस्पताल नए मरीज एडमिट नहीं कर रहे हैं।
"गोल्डन कार्ड योजना के तहत सभी जरूरतमंद कर्मचारी, पेंशनर्स को इलाज मिल सके इसके लिए योजना में सुधार किया जा रहा है। मुख्य सचिव को योजना में आ रही सभी दिक्कतों को दूर कर नए सिरे से प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।" - डॉ धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री
योजना में बदलाव के लिए तीन प्रस्तावः
गोल्डन कार्ड योजना में सुधार के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से तीन प्रस्ताव दिए गए हैं। इसमें गैप फंडिंग, थर्ड पार्टी बीमा और प्रीमियम बढ़ोत्तरी प्रमुख हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि कर्मचारी हित में जल्द से जल्द निर्णय लिया जाए और प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाए। योजना से राज्य के तीन लाख कर्मचारी, पेंशनर्स जुड़े हुए हैं। लेकिन कई प्राइवेट अस्पतालों की ओर से इलाज बंद किए जाने से परेशानी हो रही है।
वर्तमान में गोल्डन कार्ड से कैशलेस इलाज न होने के कारण गंभीर रोगियों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है | जल्द से जल्द इस योजना पर निर्णय होना चाहिए जिससे गंभीर रोग से ग्रसित रोगियों का इलाज समय पर हो सके |
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