Tehri Breaking News: टिहरी जिले में राजकीय इंटर कॉलेज कठूड हिन्दाव में हुआ भारी भूस्खलन, जिला प्रशासन की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा, मुख्य शिक्षा अधिकारी एस पी सेमवाल ने संस्थाध्य्क्षों को दिए छात्रों की सुरक्षा के लिए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश
Report by- Sushil Dobhal
टिहरी जिले में प्रशासन की सूझबूझ से एक बड़ी आपदा टल गई। यहाँ भिलंगना विकासखंड के राजकीय इण्टर कॉलेज कठूड हिन्दाव में विद्यालय का प्रांगण भूस्खलन के चपेट में गया, जिससे विद्यालय को भारी नुक़सान हुआ है। गनीमत रही कि प्रशासन के आदेश से विद्यालय बंद था वरना यहां बहुत बड़ा हादसा हो सकता था। उधर मुख्य शिक्षा अधिकारी एसपी सेमवाल ने जिले के अंतर्गत संचालित सभी विद्यालयों के संस्थाध्यक्षों को भारी वर्षा के कारण संभावित आपदा को लेकर विशेष सावधानी और सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
टिहरी जिले के विकासखंड भिलंगना के अंतर्गत राजकीय इण्टर कॉलेज कठूड हिन्दाव में विद्यालय का एक बड़ा हिस्सा भारी वर्षा के कारण भूस्खलन की चपेट में आ गया, इसके साथ ही पूरा विद्यालय परिसर खतरे की जद में आ गया है। मिली जानकारी के मुताबिक यह हादसा आज सुबह हुआ है। गनीमत रही की मौसम विभाग की चेतावनी के बाद जिला प्रशासन ने जनपद में कक्षा 1 से 12वीं तक की समस्त विद्यालयों को बंद रखने के निर्देश जारी किए थे, अन्यथा यहां बहुत बड़ा हादसा हो सकता था।
जानकारी के अनुसार पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश के कारण विद्यालय परिसर और प्रांगण के नीचे का पुस्ता टूटने के कारण विद्यालय का एक बड़ा हिस्सा भूस्खलन की चपेट में आ गया, जिससे कक्षा कक्षों और ऑफिस तक पहुंचने वाला मार्ग, सीढ़ियां, पानी और बिजली की लाइन, सुरक्षा दीवार और कक्षाओं के आगे का हिस्सा भूस्खलन की चपेट में आ गया। विद्यालय प्रशासन ने विभाग को सूचना भेजकर सुरक्षा की दृष्टिकोण से कक्षाओं को सुरक्षित स्थान पर अंतरिक्ष करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
टिहरी के मुख्य शिक्षा अधिकारी शिव प्रसाद सेमवाल ने एक बार फिर भारी वर्षा और आपदा के दृष्टिगत सभी विद्यालयों के संस्थाध्यक्षों को विशेष सतर्कता और सावधानी बरतनी के साथ ही आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि बच्चों की सुरक्षा में किसी भी स्तर की चूक के लिए उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा.
मुख्य शिक्षा अधिकारी ने दिए संस्थाध्य्क्षों को सतर्कता बरतने के निर्देश
सीईओ टिहरी, शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा है कि विद्यालय परिसर के अंदर एवं विद्यालय के आसपास के क्षेत्र के साथ-साथ घर से विद्यालय एवं विद्यालय से घर लौटने की क्रम में स्कूली बच्चों के लिए उन सभी जोखिमों और खतरों की पहचान की जाए जिनसे छात्र-छात्राओं को चोट लगने, भय उत्पन्न होने, स्वास्थ्य खराब होने या अन्य किसी भी प्रकार के नुकसान एवं क्षति होने की संभावना रहती है। स्कूल परिसर में मौजूद बिजली के खंभे, ट्रांसफार्मर, असुरक्षित बिजली की केवल, विद्यालय परिसर में पुराने और असुरक्षित विशालकाय वृक्ष, सुरक्षित पानी की टंकी, संकरी सीढियां, स्कूल गेट, जर्जर दीवारें, स्कूल के पहुंच मार्ग में पढ़ने वाले नदी-नाले, हाई टेंशन लाइन और आपदा की दृष्टिकोण से असुरक्षित मार्ग आदि चिन्हित कर छात्र-छात्राओं और अभिभावकों को सतर्क किया जाय और बच्चों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाये जांय।


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