“कोरोनाकाल में ऑनलाइन शिक्षण के प्रभावी प्रस्तुतीकरण” विषय पर डायट नई टिहरी में संपन्न हुआ नवाचारी शिक्षको का दो दिवसीय सेमीनार. कार्यक्रम में कई शिक्षकों ने दी शानदार प्रस्तुतियां और उपयोगी सुझाव.

     जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान नई टिहरी में दिनांक 18 19 जनवरी 20 21 को दो दिवसीय सेमिनार का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर डाइट के प्रभारी प्राचार्य प्रमोद कुमार गुधेनिया, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा सुदर्शन सिंह बिष्ट, गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षा संकाय की प्रोफेसर सुनीता गोदियाल तथा समाजसेवी महिपाल सिंह नेगी ने संयुक्त रूप से किया. कोविड-19 के दौरान शिक्षकों के द्वारा ऑनलाइन शिक्षण के लिए प्रयुक्त प्रभावकारी तकनीक विषय पर आधारित दो दिवसीय सेमिनार में जनपद टिहरी गढ़वाल की प्रत्येक विकासखंड से पांच पांच  शिक्षकों ने प्रतिभाग किया. यह वे शिक्षक हैं जिनके द्द्वारा कोविड-19 के संकट के दौरान ऑनलाइन शिक्षण में बेहतरीन कार्य किया गया हैं.
     
कोविड-
19 के दौरान जब विद्यालय बंद रहे तब छात्रों को शिक्षण से जुड़े रखने एवं पढ़ाई नियमित रखने हेतु इन शिक्षकों ने जो नवाचारी प्रयास किए उनका प्रभावकारी प्रस्तुतीकरण  डायट सभागार में इस समिनार के दौरान किया गया. ऑफलाइन शिक्षण को ऑनलाइन शिक्षण में बदलने की चुनौती को स्वीकार कर इन नवाचारी शिक्षकों ने कोरोनाकाल में शिक्षण कार्य में अधिक गतिरोध नहीं आने दिया. प्रस्तुतीकरण के दौरान शिक्षकों द्वारा बताया गया कि ऑनलाइन शिक्षण में इन विभिन्न तकनीकों जैसे गूगल क्लासरूम, गूगल मीत, ज़ूम ऐप के साथ ही पेन टेबलेट का प्रयोग ब्रेड बोर्ड, पावर पॉइंट,  वीचैट, काइन मास्टर, गूगल ट्रांसलेटर, ब्लोगर, और वर्कशीट का प्रयोग छात्रों तक पहुंचने के लिए किया गया जिसके उत्साहजनक परिणाम मिले हैं. राजकीय इंटर कॉलेज सजवानकांडा के शिक्षक संजेश रतूडी  द्वारा बताया गया कि ऑनलाइन शिक्षण को सुचारू रूप से चलाने के लिए विद्यालय द्वारा विभिन्न संस्थाओं से आठ लाख रुपये इकट्ठे कर 150 छात्रों को एंड्रॉयड फोन उपलब्ध कराए गए.
         राजकीय इंटर कॉलेज जाखीडागर  के गणित शिक्षक अध्यापक ज्ञानू गमाल ने पेन टेबलेट व पावर पॉइंट द्वारा ऑनलाइन शिक्षण को सुचारू रूप से चलाने पर जोर दिया. डॉ. संध्या नेगी ने भौतिक विज्ञान विषय में प्रयोगात्मक गतिविधि हेतु ब्रेड बोर्ड द्वारा विद्युत परिपथ के विभिन्न प्रयोग ऑनलाइन विद्यार्थियों तक पहुंचाएं, राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार के प्रवक्ता सुशील डोभाल द्वारा ब्लॉगर पर विद्यालय का वेबपेज बनाकर कर अध्ययन सामग्री और शैक्षिक नोट्स बच्चों तक पहुंचाने का प्रस्तुतीकरण किया गया. कन्या इंटर कोलेज लम्बगाँव की शिक्षिका सुमन डोभाल ने दुरस्त क्षेत्रों के बच्चों के पास मोबाइल और इंटरनेट की पहुँच के अभाव को ऑनलाइन शिक्षण में बड़ी बाधा बताते हुए इस पर सुझाव दिए. शिक्षक राजीव उनियाल ने अपने विचार रखते हुए बताया की WHO ने स्वस्थ विद्यार्थियों के लिए शारीरिक, मानसिक, सामजिक और आध्यात्मिक चार आयामो पर जर दिया है और हमे शिक्षण के दौरान इन चारो आयामों का विद्यार्थियों के परिप्रेक्ष्य में ध्यान रखना होगा. इस अवसर पर प्रो. सुनीता गोदियाल के द्वारा ऑनलाइन शिक्षण को विद्यालय खुलने के बाद भी शिक्षकों को आत्मसात रखने की बात कही गई. उन्होंने कहा कि कोविड-
19 के दौरान शिक्षकों द्वारा कोविड सेंटरों पर कार्य करने के साथ-साथ घर घर जाकर बच्चों के शिक्षण के लिए वर्कशीट पहुंचाना और उस पर बच्चों की प्रतिक्रिया प्राप्त करना सराहनीय कार्य है इसलिए शिक्षकों का काम कोरोनाकाल में  फ्रंटलाइन वारियर्स के रूप में प्रशंसनीय रहा है.
     कार्यक्रम के समापन पर जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा सुदर्शन सिंह बिष्ट ने सभी प्रतिभागियों के प्रस्तुतीकरण की सराहना कर विकासखंड प्रतापनगर के राजकीय प्राथमिक विद्यालय रोलाकोट के शिक्षक रविंद्र कठित और राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय झिनवाली के शिक्षक मनोज सिंह  के कार्यों की प्रशंसा करते हुए बताया कि इन विद्यालयों से प्रतिवर्ष नवोदय विद्यालय, राजीव गांधी विद्यालय प्रवेश  और विभिन्न छात्रवृत्ति यों के लिए बच्चों का चयन हो रहा है. इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता महिपाल सिंह नेगी द्वारा जनपद में कनेक्टिविटी कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद शिक्षकों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की गयी.  आईटी विशेषज्ञ परमवीर सिंह प्रवक्ता राजकीय इंटर कॉलेज नागराजा धार कड़ाकोट  में कोविड-
19 के दौरान शिक्षकों एवं छात्राओं ने जिन कई नई तकनीकों को सीखा व अपनाया उन्हें भविष्य में ऑफलाइन कक्षा के साथ बनाए रखने हेतु शिक्षकों को सुझाव दिए. इस दौरान अजीम प्रेमजी फ़ौंडेशन के प्रभारी विकास बर्त्वाल और माउंट वेली एसोशियेशन के प्रभारी दुर्गा प्रसाद कंसवाल ने भी अपने अनुभव शिक्षकों के साथ बांटे. 
         सेमिनार के संयोजक  व डायट प्रवक्ता डॉ वीर सिंह रावत ने बताया कि जनपद के प्रत्येक विकास खंड से ऑनलाइन शिक्षण में बेहतरीन कार्य करने वाले 55 शिक्षकों को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था जिसमें 42 शिक्षकों द्वारा प्रतिभाग कर अपने कार्यों का शानदार ढंग से प्रस्तुतीकरण किया गया. सेमिनार के समापन अवसर पर प्रभारी प्राचार्य प्रमोद कुमार ने शिक्षकों से अनुरोध किया कि वह कोविड-19 के दौरान जिन छात्रों को बिना परीक्षा दिए अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जा रहा है उन्हें अगली कक्षा में पिछली कक्षा का शिक्षण भी करवाएं. इस अवसर पर देवेंद्र भंडारी, दीपक रतूड़ी, जितेंद्र राणा, सुषमा मेहर, डॉ सुमन,  नेगी अंजना सजवान, निर्मला, विनीता सुयाल, डॉ मनवीर सिंह,  मीनाक्षी त्यागी, विनोद पेटवाल, राजेंद्र बडोनी, प्रकाशी सेमवाल,  गब्बर सिंह चौहान, रविंद्र खाती, किशोर सिंह सजवान,  सरिता असवाल आदि उपस्थित रहे.













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Comments

  1. बहुत ही सराहनीय पहल,लाकडाउन के दौरान शिक्षकों द्वारा विवन्न माध्यमों से शिक्षण कार्य किया गया ।यह नवाचारी शिक्षण छात्रौ के अधिगम स्तर को विकसित करने के लिए उत्तम प्रयास है।

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