DIET Chadigaon Pauri: जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान चड़ीगांव में गढ़वाल मंडल के नवनियुक्त विज्ञान व गणित के शिक्षकों की पांच दिवसीय "कठिन स्थलीय" कार्यशाला हुई संपन्न

जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान चड़ीगांव में गढ़वाल मंडल के नवनियुक्त विज्ञान व गणित के प्रशिक्षित स्नातक वेतनक्रम के शिक्षकों की "कठिन स्थलीय" पांच दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ मंडलीय अपर निदेशक माध्यमिक, डा० एस०बी०जोशी व प्राचार्य डायट चड़ीगांव स्वराज सिंह तोमर द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। कार्यशाला के स्वरूप को डायट प्रवक्ता डा० नारायण प्रसाद उनियाल जी ने सदन के समक्ष रखा। 
   इस क्रम में प्राचार्य डायट श्री स्वराज सिंह तोमर ने सभी आमंत्रित प्रशिक्षुओं और अतिथियों को संस्थान में स्वागत कर संस्थान के सभी संसाधनो और उनके सही उपयोग करने हेतु निर्दशित किया गया व कार्यशाला को रूचिकर व और कक्षा-कक्ष उपयोगी बनाये जाने पर बल दिया। इसके बाद कार्यशाला के प्रथम सत्र में ऐसे शिक्षक जो राजकीय शिक्षा में लम्बे समय से रचनात्मक शिक्षण कर रहें है जो और इस कार्यशाला में संदर्भ व्यक्ति के रूप में  नामित हैको उन्होंने अपने शिक्षण-अधिगम अनुभवों को सदन के साथ साझा किया। 
सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित, मंडलीय अपर निदेशक माध्यमिक डा० एस०बी०जोशी ने अपने छात्र जीवन,अध्यापन और एक शिक्षा अधिकारी के अनुभवों को समन्वित करते हुए नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में अपने विचारों को रखा और कक्षा शिक्षण कैसे होना चाहिए शिक्षक को कैसे संवेदनशील होकर छात्र को प्रोत्साहित करना चाहिए।
A Story of an unknown journey' by- Sushil Dobhal' अनजान सफर के वह सात दिन'- सुशील डोभाल,

आपने बताया एक समर्पित व समाज में विशिष्ट छाप रखने वाले शिक्षकअपनी कार्यशैली से  विद्यालय के नामांकन में वृद्धि करते हैं। शिक्षा के सभी जरूरी विषयों पर सहज और सरलता से अपने विचारों को सदन में रखा। विशिष्ट अतिथि व दूसरे वक्ता प्रोफेसर श्री सम्पूर्ण सिंह रावत पूर्व डीन व विभागाध्यक्ष शिक्षाशास्त्र केन्द्रीय‌ विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल ने अध्यापकों की चुनौतियों और नयी पीढ़ी के साथ शिक्षकों के बेहतर समायोजन पर अपनी बात कही, आपने राजकीय विद्यालयों के गौरवशाली अतीत और उस दौर के शिक्षकों के समर्पण उनकी कार्यशैली को सदन में रखा, श्री रावत जी के संबोधन में शिक्षाशास्त्र की विस्तृत समझ और अध्यापन के  लंबे अनुभव का समन्वयन था । 
जिसने सत्र को रूचिकर और प्रभावी बनाया। 
प्रथम सत्र का संचालन अजीम प्रेमजी फाऊंडेशन के जिला समन्वयन अशोक कांडपाल जी द्वारा किया गया। द्वितीय सत्र में विज्ञान और गणित के शिक्षकों को अलग अलग समूहों में विभक्त कर विषय विशिष्ट (Subject specific) की शुरुआत हुई। जिसके दूसरे दिवस में विज्ञान शिक्षण की एन ई पी-2020 के संदर्भ में व्याख्या की गई। 
साथ ही विज्ञान की जिज्ञासा व खोजशील प्रवृत्ति पर आधारित एक, केस स्टडी को साझा कर यह समझाया गया की  वैज्ञानिक खोज एक क्षणिक प्रक्रिया नही है। अपितु यह किसी घटना के पीछे कारणों को जानने हेतु पूर्वानुमान लगाती है। और पूर्व के अनुभवों और मान्यताओं को प्रयोग द्वारा परखकर एक अवधारणा विकसित करती है। उक्त कहानी में बताया गया की कैसे लगभग 35 वर्ष के अनवरत शोध ने विटामिन की खोज की। विज्ञान कार्यशाला में शेष दिवसों में कक्षा 6 से कक्षा 10 तक के पाठयक्रम पर आधारित कठिन संबोधों को सरल व बोधगम्य बनाने हेतु प्रायोगिक प्रदर्शन व सरल विज्ञान खेल उपकरणों का प्रयोग किया गया। 
द्वितीय दिवस (29-05-2024) 
भौतिकी के संबोध केन्द्रीय गुरूत्व रेखा, न्युटन के नियम , मोबाइल एप फ्रिक्वेंसी जेनरेटर द्वारा मानव की श्रवण क्षमता परास परखना। 
परिवेश के विभिन्न पदार्थों का अपने अनुभव से अम्ल क्षार में वर्गीकरण कर अनुमानित पी एच लिखना व फिर सूचक द्वारा अपने अनुमानों को परखना।
तृतीय दिवस (30-05-2024) 
गत्ते की सहायता से वर्नियर कैलीपर्स को बना कर किसी बेलनाकार वस्तुओं का व्यास ज्ञात करना, 
दो गेंदों की सहायता से चंद्रमा और पृथ्वी की दूरी की ज्ञात करना और क्यों पृथ्वी के सापेक्ष वातावरण को पतली परत कहा जाता है,इसको सरल माडल बना बताया गया। 
एक सामान्य प्लास्टिक की पानी की भरी बोतल में राई के बीज को डुबाकर उसकी गिरने की गति से उसका घनत्व ज्ञात करना । 
चतुर्थ दिवस (31-05-2024) 
प्रकाशिकी के विभिन्न सरल उपकरणों द्वारा परावर्तन अपवर्तन व वर्ण विक्षेपण हेतु स्वयं द्वारा निर्मित निम्न मूल्य दर के उपकरणों द्वारा विभिन्न गतिविधियां। विभिन्न प्रकार की रासायनिक अभिक्रियाओं का प्रदर्शन और रासायनिक अभिक्रियाओं में होने वाले सभी परिवर्तनों को परखना। जिसमें जल अपघटन, अवक्षेपण,एच सी एल गैस का पी एच टैस्ट, अम्ल व क्षार की पूर्ण व आंशिक उदासीनीकरण, साबुनीकरण आयोडीन व स्टार्च आदि अभिक्रियाओं को प्रदर्शित किया गया
कार्यशाला के अन्तिम व पांचवे दिवस 01-06-2024
 में आभासी प्रयोगशाला Phet simulation के द्वारा विज्ञान की अवधारणा से परिचित कराया गया। साथ ही सभी प्रतिभागियों को समूहवार,किसी एक simulation को  सदन में प्रदर्शित करने को निर्देशित किया गया। समापन सत्र में गणित व विज्ञान से एक-एक प्रतिभागी व संदर्भ व्यक्ति द्वारा समेकन किया गया। सदन में उपस्थित मुख्य शिक्षा अधिकारी रूद्रप्रयाग श्री पदमेन्द्र सिंह बिष्ट जी ने भी शिक्षक के महत्व को बताते हुए उन्हें सजग रहते हुए अपने दायित्व के शतप्रतिशत निर्वाह हेतु प्रोत्साहित किया। 
समापन सत्र में अपर निदेशक महोदय ने अजीम प्रेमजी फाऊंडेशन, प्राचार्य डायट पौड़ी गढ़वाल को इस पांच दिवसीय कार्यशाला में बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने हेतु धन्यवाद दिया। सभी संदर्भ व्यक्ति और प्रतिभागियों को भी उनकी सक्रिय प्रतिभागिता हेतु शुभकामनाएं दी। कार्यशाला के अंत में प्रवक्ता डायट डॉ० नारायण प्रसाद उनियाल जी के संचालन में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। 
कार्यशाला में विज्ञान संदर्भ व्यक्ति के रूप में श्री अनुराग तिवारी श्री संयम गिरी ,श्रीमती शिवानी रावत,श्री कमलेश चंद्र जोशी,श्री पीयूष शर्मा व श्री अखिलेश घिल्ड़ियाल ने व गणित विषय में श्री अशोक प्रसाद,डा०नारायण प्रसाद उनियाल,श्री लक्ष्मीकांत बड़थ्वाल,श्री मनोज कांत उनियाल, श्री कुंज बिहारी सकलानी व श्रीमती अनिता बौंठियाल ने प्रतिभाग किया।कार्यशाला में गढ़वाल मंडल के 35 विज्ञान व 26 गणित के नवनियुक्त प्रशिक्षित स्नातक वेतनक्रम के शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। 
सादर
कमलेश चंद्र जोशी प्रवक्ता रसायन
राजकीय इंटर कॉलेज कीर्ति नगर
टिहरी गढ़वाल

Comments

  1. Great experience with all the learned master trainers and participants.

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