उत्तराखंड के सभी विद्यालय क्यों न हो जांय 'उत्कृष्ट'


उत्तराखंड में पिछले साढ़े चार वर्षों में विद्यालयी शिक्षा के क्षेत्र में जो उल्लेखनीय कार्य हुए उनमें 189 अटल उत्कृष्ट विद्यालयों का चयन प्रमुख है। यह ऐसे विद्यालय है जिन्हें सीबीएसई से सम्बद्ध किया गया है। यानी अब राज्य में दो तरह के इंटर कॉलेज बन गए हैं, पहले 'उत्कृष्ट'और दूसरे....?

      क्या यह अपने राज्य के बोर्ड को कमतर आंकना जैसा नही है? अटल उत्कृष्ट विद्यलयो के सीबीएसई ऐफिलेशन से अजीबोगरीब स्थितियां पैदा हो रही हैं, जैसे कक्षा 9th में जो बालिकाएं गणित के बजाय गृहविज्ञान पढ़ना चाहती हो उन्हें या तो मुख्य विषय के रूप में गणित का चयन करना होगा या दूसरे विद्यालय में दाखिला लेना होगा। मानक पूरे नही करने वाले विद्यलयो को भी आननफानन में औपबंधिक संबद्धता दे दी गयी, भविष्य में उनकी संबद्धता का क्या होगा कुछ पता नही। बेहतर होता कि सीबीएसई संबद्धिकरण के बजाय विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर की कमियों को दूर कर खासकर उसके मूल्यांकन पैटर्न को सीबीएसई के समान कर देते। बेहतर होता कि पिछले साढ़े चार वर्षों में प्रधानाचार्य व प्रधानाध्यापकों के रिक्त पदों पर पदोन्नति या सीधी भर्ती के प्रयास किये जाते, और बेहतर होता कि कोविड-19 के जोखिम के कारण प्रभावित हो रहे शिक्षण की भरपाई के लिए विद्यार्थियों और विशेषकर बोर्ड के विद्यार्थियों को टेबलेट जैसे बुनियादी शैक्षिक उपकरण उपलव्ध करवाये जाते, और बेहतर होता कि अटल से पहले किसी समय मॉडल हुए इंटर कॉलेजों की सुध ले लेते। विद्यालयों के नाम बदलने के बजाय पूर्णकालिक प्रधानाचार्यो और विषयाध्यापकों की नियुक्ति कर देते तो राज्य के सभी विद्यालय और विद्यार्थी 'उत्कृष्ट' हो जाते। Touch Here to join 'Himwant Live (Educational News)' Community group.


Comments

  1. बहुत ही सत्य और सटीक लेख डोभाल जी।। राजकीय विद्यालयों में किस तरह से संसाधनों का अभाव है इससे कोई भी अनजान नहीं है।। वोट बैंक की राजनीति में चप्पे चप्पे पर माध्यमिक विद्यालय खोल तो दिए पर संसाधनविहीन इन विद्यालयों की स्थिति कितनी दयनीय है बताने की जरूरत नहीं है। प्राइवेट स्कूलों के पास अध्यापक भले ही अप्रिशिक्षित हैं पर उनके संसाधन ही उन्हें हमेशा सरकारी स्कूलों से बेहतर बनाते हैं।

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी, धन्यवाद।

      Delete
    2. प्रयाविट स्कूल में सबसे बड़ी बाधा शिक्षक का मानदेय है प्रधानाचार्य का मानदेय ६०,०००रुपये है और आवास मुफ्त मार्ग वेय मुफ्त विलकुल नेताओं जैसे ठाट-बाट है वहीं अद्यापक को सुकि ५००० रुपए नौ वाद न अतिरिक्त कार्यभार अतिरिक्त कक्षाऔ का संचलन है यही दुर्भाग्यपूर्ण व्यवस्था जिसे कोई नहीं सुनने वाला है। इसलिए वह बगावत भी नहीं कर सकते हैं

      Delete
  2. 80% विद्यालय प्रधानाचार्य विहीन है।

    ReplyDelete
  3. बिल्कुल सही कह रहे हैं आप! विद्यालयी शिक्षा में होना तो यही चाहिए था लेकिन यहां की व्यवस्था की कमान बाबुओं के हाथ में है क्योंकि अधिकारी उन्हीं पर डिपेंड हैं। जबकि बच्चों के बाद दूसरी जो महत्वपूर्ण कड़ी है वो अध्यापक हैं बाकी उनके सपोर्टिंग स्टाफ के रूप में ही नियुक्त होते हैं लेकिन बिडम्बना ही है कि सूचना से लेकर शुल्क आदि एकत्र करने जैसे कार्य भी अध्यापकों से ही लिये जा रहे हैं। जब तक इसमें सुधार नहीं हो जाता है उत्कृष्ट विद्यालय सिर्फ सपना जैसा ही होगा।

    ReplyDelete
    Replies
    1. 🙏 डोभाल जी वास्तव में अटल विद्यालयों का कंसेप्ट शुरू करने से पहले अच्छी तरह से ब्लूप्रिंट तैयार कर एवं सभी हित धारकों के साथ विचार-विमर्श करके लागू होना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति एवं लोगों की आर्थिकी को ध्यान में रखकर ही कोई शिक्षा से संबंधित निर्णय लेने चाहिए थे। आपका विश्लेषण एकदम सटीक है।
      वर्तमान में विद्यालयों में सीबीएसई के बोर्ड परीक्षा के फॉर्म भरने की प्रक्रिया चल रही है लेकिन रही है जिसमें बोर्ड फीस को लेकर काफी चर्चा चल रही है।
      उत्तराखंड बोर्ड की फीस ₹300 से ₹400 के बीच है वही सीबीएसई बोर्ड की फीस 25100 से 3000 से ऊपर है जबकि शैक्षिक स्तर में कोई अंतर नहीं है।
      यहां पर मेरा यह मानना है कि बोर्ड फीस के रूप में सीबीएसई बोर्ड को फायदा पहुंचाने से बेहतर क्यों ना हम वह सरकार उस पैसे को अपने उत्तराखंड के सरकारी विद्यालयों के आधारभूत ढांचा एवं शैक्षिक स्तर को सुधारने में खर्च करें। इससे छात्र छात्राओं/ सरकार द्वारा सीबीएसई बोर्ड फीस के रूप में किया जाने वाला खर्च अपने ही स्थिति को सुधारने में खर्च होगा। इससे यह फायदा होगा कि पेड़ भी हमारा और फल भी हमारे।
      मैं के विचारों से पूर्णतया सहमत हूं और हमें अपने उत्तराखंड बोर्ड और विद्यालयों को मजबूत करना होगा। जरूरत है एक दृढ़ संकल्प की, एक सकारात्मक सोच की और अपने ऊपर विश्वास करने की। मैं उत्तराखंड बोर्ड को घर की मुर्गी दाल बराबर की स्थिति से बचाना होगा।
      🙏 जय उत्तराखंड 🙏
      🙏🙏 जय हिंद 🙏🙏

      Delete
    2. आपके विचारों से सहमत हूं सर, सीबीएसई सम्बद्धता का निर्णय मुझे युक्तिसंगत नही लगता।

      Delete
  4. बार-बार इस तरह के प्रयोग शिक्षा विभाग में करना समझ से परे है अटल उत्कृष्ट की ही तर्ज पर कुछ समय पहले आदर्श विद्यालय बनाए गए थे उन्हें इस समय ठंडे बस्ते में डाल दिया गया शायद सिर्फ इसलिए कि वह कांग्रेस गवर्नमेंट का कांसेप्ट है शिक्षा विभाग की तरफ किसी का ध्यान नहीं है केवल शिक्षा को लेकर राजनीति भी हो रही है जिसका खामियाजा टीचर और स्टूडेंट्स को मिलता है

    ReplyDelete
  5. आपका तर्क उत्तम है सर

    ReplyDelete
  6. जानते सभी हैं कि समस्या क्या है. समस्या का कारण भी सबको पता है. किंतु जिनके हाथ में समाधान है वे खामोश हैं...सरकारी शिक्षा व्यवस्था राजनीति और अदूरदर्शी नीतियों की भेंट चढ़ती जा रही है....अगर गुणवत्ता में कमी का आकलन किया जाए तो नो डिटेंशन पॉलिसी
    ने भी सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है.

    ReplyDelete
  7. मझधार में फंसे हैं अटल स्कूल।

    ReplyDelete
  8. Very true evaluation 🙏🙏

    ReplyDelete

Post a Comment

पोस्ट पर अपने उपयोगी विचार और सुझाव यहाँ कमेंट करें।

यह भी पढ़ें -

School prayer: स्कूल के लिए 20 प्रसिद्ध प्रार्थना, जो बना देंगी विद्यार्थियों का जीवन सफल

Pariksha Pe Charcha 2024: PM Modi जनवरी में करेंगे परीक्षा पे चर्चा, आप भी हो सकते हैं शामिल, यहां करना होगा PPC 2024 के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

NEP 2020: FLN क्या है और इसके क्या उद्देश्य हैं? यहां पढ़ें।

SCERT Uttarakhand: महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी द्वारा 'ज्ञानांकुरण' के लॉन्च के साथ ही उत्तराखण्ड बना स्कूली बच्चों के लिए दीक्षा पोर्टल पर ई-कोर्सेज उपलव्ध करवाने वाला पहला राज्य।

Best 50+ Facebook Stylish Bio For Boys Attitude 2023

परीक्षा पे चर्चा 2022 में प्रतिभाग के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि है 20 जनवरी, विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधी बात करने का मिलेगा मौका।

चुनाव ड्यूटी प्रशिक्षण के दौरान पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर यहां पीठासीन अधिकारी ने जमकर किया हंगामा, प्रशिक्षण स्थल पर मची अफरा-तफरी, सुरक्षाकर्मियों ने बड़ी मुश्किल से किया काबू।

SCERT Uttarakhand: ज्ञानांकुरण कार्यक्रम के तहत एससीईआरटी ने जनवरी 2023 के कोर्स लिंक किये जारी, कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों के लिए DIKSHA portal पर उपलब्ध हैं यह उपयोगी कोर्स

Uttarakhand Board Result 2023: उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर बोर्ड का 10 वीं और 12वीं का परीक्षा परिणाम यहां देखें

Sainik School Admission: सैनिक स्कूल में एडमिशन के लिए नोटिफिकेशन हुआ जारी, 30 नवम्बर तक कर लें रजिस्ट्रेशन, 8 जनवरी को संपन्न होगी परीक्षा