Principal direct recruitment: प्रधानाचार्यों के 692 पदों की भर्ती का प्रस्ताव आयोग ने लौटाया, दिव्यांग आरक्षण के निर्धारण को लेकर फंसा पेंच, सीधी भर्ती को लेकर शिक्षकों का विरोध हुआ तेज

उत्तराखंड के राजकीय इंटर कालेजों में प्रधानाचार्यों के रिक्त 692 पदों की भर्ती प्रक्रिया में पेच फंस गया है। दिव्यांग आरक्षण के निर्धारण को लेकर राज्य लोक सेवा आयोग ने यह भर्ती प्रस्ताव शासन को लौटा दिया है। प्रधानाचार्यों की लिखित परीक्षा के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम को स्वीकृति देने के साथ ही दिव्यांगों के लिए आरक्षण का निर्धारण कर भर्ती प्रस्ताव को दोबारा शीघ्र ही आयोग को भेजा जाएगा। प्रदेश में राजकीय इंटर कालेजों में प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों को भरने की चुनौती बनी हुई है।
प्रधानाचार्य का पद पहले शत-प्रतिशत पदोन्नति का रहा है। राजकीय हाईस्कूलों में कार्यरत प्रधानाध्यापकों को पांच साल की सेवा के बाद प्रधानाचार्य के रिक्त पदों पर पदोन्नति दी जाती रही है। प्रदेश में राजकीय हाईस्कूलों की तुलना में इंटर कालेजों की संख्या बहुत अधिक है। इस ढांचागत समस्या के कारण प्रधानाचार्यों की तैनाती में आ रही कठिनाइयों को दूर करने के लिए रिक्त 50 प्रतिशत पदों को लिखित परीक्षा के माध्यम से भरने का निर्णय लिया गया। उधर राज्य के शिक्षकों ने सीधी भर्ती का विरोध करते हुए शत प्रतिशत पदों पर पदोन्नति श्री पद भरने की मांग की है।


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